Friday, December 26, 2014

AAMIR KHAN :-> फिल्म में बोले गए डायलॉग 'जो डरता है, वो मंदिर जाता है' का भी उल्लेख किया गया है 'पीके' को लेकर आमिर खान सहित 4 पर मामला दर्ज

AAMIR KHAN KEE FILM - PK VIVAADON MEIN GHIREE
AAMIR KHAN'S MOVIE PK CREATES CONTROVERSY , AND PEOPLE ARE SAYING IT HURTS AND TARGETS ON HINDU RELIGIOUS SENTIMENT


If you don't like PK don't watch it: Aamir Khan

आमिर की 'पीके' को टैक्स-फ्री करने की मांग

नवभार

 

आमिर खान स्टारर फिल्म 'पीके' के टिकट को लेकर सोशल नेटवर्किंग पर जोक्स काफी पॉपुलर हुए हैं। बढ़े टिकट के प्राइस से लोग खासे नाराज भी दिखे। बढ़ते टिकट का असर बॉक्स ऑफिस के कलेक्शन पर भी देखने को मिला, लेकिन अब शायद टैक्स फ्री हो जाने से पीके घर-घर तक पहुंच पाए। आमिर खान और राजू हिरानी ने सरकार से अपनी फिल्म 'पीके' को भारत के सभी राज्यों में टैक्स फ्री बनाने की मांग की है।
गौरतलब है कि फिल्म को ज्यादातर समीक्षकों ने बेहतरीन रिव्यू दिया है। फिल्म सोसायटी में एक अच्छा मैसेज देती है, जिस वजह से डायरेक्टर ने फिल्म के टैक्स फ्री होने की डिमांड की है। रिलीज के पहले ही दिन इस फिल्म ने 26. 63 करोड़ का बिजनेस किया था। इसके बाद उसके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में बढ़त होती चली गई। यह फिल्म सीनियर पुलिस ऑफिसर की टीम समेत कई वर्ग के लोगों को दिखाई गई है। सचिन तेंदुलकर ने भी 'पीके' को आमिर खान की सबसे बेस्ट मूवी कहा है।
फिल्म के निर्माता विनोद चोपड़ा के अनुसार, 'फिल्म आज के मौजूदा हालात में सटीक बैठती है। फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ एक मजबूत सोशल मेसेज भी देती है। फिल्म देश भर के लोगों तक पहुंचनी चाहिए इसलिए हमने टैक्स फ्री की मांग की है

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पहले कंट्रोवर्सीज अब FIR ये है PK का नया रिकॉर्ड

 अगर आप समझते हैं कि आमिर खान और अनुष्को शर्मा स्टारर फिल्म PK ने अपनी कमाई को लेकर ही रिकॉर्ड बनाया है तो ऐसा नहीं है. इस फिल्म ने कंट्रोवर्सीज और लीगल मामलों में उलझने का भी रिकॉर्ड बनाना स्टार्ट कर दिया है
फिल्म के अगेंस्ट रिलीजियस इमोशंस को हर्ट करने का लीगल केस बन गया है. पुलिस ने फिल्म के प्रोड्यूसर, डायरेक्टर्स के अगेंस्ट फिल्म सेक्शन 153 A, इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 295 A के अंडर एफआईआर रजिस्टर की है.

यह FIR हिंदू लीगल सेल के सेकेरेट्री प्रशांत पटेल ने फिल्म पीके के डायरेक्टर राजकुमार हिरानी, एक्टर आमिर खान, प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा और सिद्धार्थ रॉय कपूर के अगेंस्ट फाइल की है. FIR में कहा गया है कि फिल्‍म में डेलिब्रेटली लॉर्ड शिव को निगेटिव वे में प्रेजेंट किया गया है. वहीं फिल्म के डायलॉग "जो डरता है, वो मंदिर जाता है" का भी जिक्र FIR में किया गया है.

बात सिर्फ FIR तक ही नहीं है लोगों ने ट्विटर पर भी रिलीजियस इमोशंस को हर्ट करने के एलिगेशन लगाते हुए कमेंट करना स्टार्ट कर दिया. जिसके चलते ट्विटर पर #BoycottPK ट्रेंड कर रहा है जिस पर लोग रिएक्शन दे रहे हैं और अब तक करीब 20 हजार से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके हैं. लोगों को लग रहा है कि फिल्म में हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनाया गया है. लोगों का आब्जेक्शन इस बात पर भी है कि इस फिल्म में एक इंडियन हिंदू गर्ल को पाकिस्तानी मुस्लिम ब्वॉय के साथ रिलेशनशिप में दिखाया गया है.

AAMIR KHAN :-> फिल्म में बोले गए डायलॉग 'जो डरता है, वो मंदिर जाता है' का भी उल्लेख किया गया है

'पीके' को लेकर आमिर खान सहित 4 पर मामला दर्ज

  • अश्लील पोस्टर के बाद धार्मिक भावनाओं को लेकर मामला दर्ज
  • फिल्म में बोले गए डायलॉग 'जो डरता है, वो मंदिर जाता है' का भी उल्लेख किया गया है
  • यह प्राथमिकी हिंदू कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव प्रशांत पटेल की ओर से फिल्म पीके के निर्देशक राजकुमार हिरानी, आमिर खान, निर्माता विधु विनोद चोपड़ा और सिद्धार्थ रॉय कपूर के खिलाफ दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि फिल्‍म्‍ा में जानबूझ कर भगवान शिव को गलत तरीके से दर्शाया गया है
  • इससे पहले फिल्म के पोस्‍टर पर आमिर खान के ट्रांजिस्टर लिए न्यूड फोटो पर विवाद हो चुका है। पोस्टर पर अश्लीलता को लेकर मामला दर्ज कराया गया था।

आमिर खान की PK पर पंजाब में बवाल

डियर आमिर खान- क्या आप हाल के मुस्लिम मुद्दों पर भी मूवी बनाएंगे या फिर केवल हिंदुओं पर-tarun‏@dreamthatworks


MOVIE PK REVIEW AND CONTROVERSY

Movie PK Review And Controversy

AAMIR KHAN NE PK MOVIE MEIN MESSAGE DIYA KEE MANDIRON PAR KATAKSH KIYAA,
AUR IS SE HINDU VADEE SAMARTHAKON MEIN ROSH HAI.

FIR BHEE DARJ HO CHUKEE HAI.

YE FILM SHURU SE HEE VIVADON MEIN RAHEE. PEHLE MOVIE PK KE POSTER KO LEKAR VIVAAD THAA.

AB HINDU DHARMIK AASTHAON PAR CHOT PAHNICHANE KAA VIVAAD HAI.


EK VYAKTI NE APNE COMMENT MEIN LIKHAA :-
जरा सोचिये यदि भगवान को 1 लोटा दूध (कीमत २० रु. ) न चढ़ा के हम 1 गरीब का पेट भर सकते है तो पीके फ़िल्म (टिकट 200रु.) को थिएटर में न देख के हम कितने गरीबो का पेट भर सकते है।
‪#‎BoycottPK


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Sikhs feel offended by Amir Khan’s movie ‘PK’; Review says PK shows Sikhs in Bad Light


FILM “PK” SHOWS SIKHS IN BAD LIGHT, SIKH SENTIMENTS HURT
Note: The following is a joint perception of 2 individuals who’ve seen the film. Each person should view the film and judge for themselves.
Op Ed by: Jatinderpal Singh and Jaswinder Singh
Watched Aamir Khan’s “PK the movie” today, After watching the movie I was hurt on many instances in the movie. It has shown disgrace on all religions but I will talk about Sikhism. Some of the noted points were:
1. They have shown an Old Sikh men begging for money by telling a lie to feed dinner for his wife in Hotel Lalit (five star) on their Marrige anniversary, though he asked for money in a style to return it back because he was short of money at that time, but this step was taken to disgrace Sikh community which was merely found begging. The image portrayted in this scene clearly shows a Sikh in bad light in the form of a petty beggar.
2. They have shown one sikh person with open hairs as Hindu Pandit (in this scene all religion people changes their dress, hindu became sikh, chiristian became Muslim) but it had put in disgrace to our kesh. A Sikh doesn’t walk around with open Kesh, even though it’s a film religious articles should be respected
3. In another scene sequel to point 2 above, they have deturbaned hindu who was in Sikhi saroop and said all are equal, they said sikh “se pagdi utar gai ban gae muslim, dhadi utar gai ban gae hindu, sab barabar hai)” they have shown disgrace to turban.
This is the Point Which surpassed anything I had ever seen which beyond hurt my sentiments
4. In another scene, a Sikh student boy in patka going to give exam bow his body (pura let ke ek pathar ke aage matha tekta).
Disgracing principles of sikhi- sikh murtipujan nai karde. In this particular scene here’s what happens: Amir Khan spits on a random rock and puts down a few coins of money and he says watch how my investment will more then double in 15 minutes. Immediately following this, A Sikh boy is shown laying down and does matha tek to this random rock with spit from Aamir Khan’s mouth. It was the height of embarrassment for me as a Sikh watching this because Sikhs don’t believe in such things. The shocking thing is that Hindu students who believe in idol worship were shown just folding their hands in front of the stone while the Sikh child was shown laying down completely and then hands folded in front of this stone like a total idiot.
Sikhs don’t pray to idols or statues of any kind and so showing a Sikh boy laying down to and doing matha tek to a rock with split is beyond hurting Sikh religious sentiments.
The above points are ones perception, one might view the film as a Bollywood Flick where anything is possible and ignore these things, but as a Sikh we need to preserve our identity. Sikhs are over protective and don’t tolerate such things because if they show such things now in future they’ll exceed their limits. The degradation occurs when film makers start to portray religious faiths in negative light. We in the Sikh faith have cherished our articles throughout history and we as a Sikh can’t watch degradation occur in front of our eyes especially our Kesh and core beliefs.

News Source : December 20, 2014 | By Sikh Siyasat Bureau
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What is in Movie :-

PK-Movie
पीके (आमिर खान) एक एलियन है, जिसे धरती पर इसलिए भेजा जाता है ताकि वो उन जैसे दिखने वाले लोगों के बारे में पता लगा सके, लेकिन धरती पर कदम रखते ही पीके का लॉकेट जिसे वो रिमोट कंट्रोल कहता है, एक आदमी चुरा लेता है। रिमोट के बिना वो अपने ग्रह से संपर्क नहीं कर पाता और रिमोट की तलाश में घूमना शुरू कर देता है। दूसरी तरफ, दिल्ली की रहने वाली जगत जननी उर्फ जग्गू (अनुष्का शर्मा) जो विदेश में रहकर पढ़ाई कर रही होती है उसे सरफराज (सुशांत सिंह राजपूत) से प्यार हो जाता है, लेकिन उसके घरवाले तपस्वी महाराज (सौरभ शुक्ला) के कहने पर इस रिश्ते को नामंजूर कर देते हैं। तपस्वी का कहना होता है कि सरफराज जग्गू को धोखा देगा। ऐसा ही होता है और बाद में जग्गू दिल्ली लौट आती है। दिल्ली लौटकर जग्गू एक न्यूज चैनल ज्वाइन कर लेती है। इधर रिमोट की तलाश में पीके भी दिल्ली आ जाता है। जग्गू की जब पहली बार पीके से मुलाकात होती है तो उसे एक स्टोरी नजर आती है। ऐसे में वो पीके का पीछा करती है और उससे पुलिस स्टेशन में मुलाकात करती है। पीके जब अपने बारे में ये बताता है कि वो दूसरे ग्रह से आया है तो उसे यकीन नहीं होता, लेकिन बाद में पीके इस बात का यकीन दिलाने में कामयाब हो जाता है। अब अनुष्का पीके की रिमोट ढूंढने में मदद करती है। इसके बाद कहानी में कई रोमांचक मोड़ आते हैं जो आपको हंसने पर मजबूर कर देते हैं, लेकिन कहानी में क्या होता है ये तो आपको सिनेमाघरों में ही जाकर देखना होगा। 'धरती पर बड़ा कनफ्यूजन है भाई'धरती पर आकर पीके इस बात को महसूस करता है कि यहां के लोगों की सिर्फ बोली ही अलग नहीं है, बल्कि भगवान भी अलग-अलग है। यहां तक की पूजी करने का ढंग भी एक-दूसरे से जुदा है। जैसे, लोग मंदिरों में नंगे पैर जाते हैं वहीं गिरजाघरों में जूते पहनकर चले जाते हैं। पीके को इस बात का भी कनफ्यूजन रहता है कि हिंदू धर्म की विधवा सफेद साड़ी पहनती है। वहीं ईसाई धर्म की लड़की सफेद गाउन में शादी करती है। ईसाई धर्म को काई व्यक्ति मरता है तो वो ब्लैक कपड़े पहनते हैं, जबकि मुस्लिम लड़कियां आमतौर पर ब्लैक बुरका पहनती है। पीके की भाषा है मजेदार पीके जो दूसरे ग्रह का होता है भोजपुरी बोलना सीख लेता है। ऐसे में वो प्लीज को पलीज, ग्रह को गोला, मतलब को मतबल के साथ कई मजेदार लहजे में बोलता है। आमिर के मुंह से ये डायलॉग आपको मजा आएगा। पीके ने लोगों को बताया 'रॉन्ग नंबर'पीके को जब ये मालूम होता है कि धरती पर रहने वाले लोग भगवान के नाम पर तपस्वी जैसे लोगों से रॉन्ग नंबर लगा रहे हैं। यानी तपस्वी अपने स्वार्थ के लिए लोगों का इस्तेमाल कर रहा है। इतना ही नहीं, कई बार लोग बिना पूरी बात जाने परिणाम तय कर लेते हैं। ऐसे में रॉन्ग नंबर को राइट नंबर बताने के लिए वो अपने अलग ही तर्क देता है। साथ ही, अपनी बातों को उदाहरण के साथ बताता है। शानदार डायरेक्शनराजकुमार हिरानी ने एक बार फिर से साबित कर दिखाया है कि क्यों उनकी फिल्में तारीफ बटोरती हैं। उन्होंने कहानी एक ऐसे किरदार पर फोकस की है, जो भले ही दूसरे ग्रह से आया, लेकिन उसने लोगों को काफी कुछ सिखा दिया। वैसे, राजू की फिल्में हमेशा ही मैसेज देती हैं। '3 इडियट्स' ने जहां दोस्ती के साथ मां-बाप को बच्चों की इच्छा जानने का मैसेज दिया था, तो 'मुन्ना भाई' सीरीज ने लोगों को एक-दूसरे से जुड़ने का संदेश दिया था। ऐसे में 'पीके' भी अपना मैसेज देने में पूरी तरह सफल रही है। कमाल की एक्टिंगफिल्म की कहानी आमिर और अनुष्का पर पूरी तरह से फोकस है। ऐसे में इन दोनों को उनकी एक्टिंग के लिए फुल मार्क्स दिए जा सकते हैं। पीके की भूमिका में आमिर खान ने अविस्मरणीय अभिनय किया है। उन्हें भोजपुरी बोलते देख ऐसा लगता नहीं कि उन्होंने इस भाषा को सीखा होगा। दूसरी तरफ, अनुष्का ने अपना किरदार पूरी ईमानदारी से निभाया है। संजय दत्त और सुशांत सिंह राजपूत के रोल छोटे जरूर थे, लेकिन दर्शकों का दिल जीतने के लिए वो काफी है। इनके साथ, सौरभ शुक्ला भी तपस्वी के रोल में फिट नजर आए है।

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आमिर खान की PK पर पंजाब में बवाल

अमृतसर: हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘पी.के.’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। हिंदू संगठनों ने इस फिल्म को हिंदू विरोधी करार दिया है। आज रोष स्वरूप शिव सेना शेर-ए-पंजाब के कार्यकत्र्ताओं ने सूरज चंदा तारा, अल्फा वन, सैलीब्रेशन मॉल में हल्ला बोल दिया और इस फिल्म के प्रदर्शन को बंद करवाने की मांग करते हुए वहां लगे पोस्टरों को जला दिया।  शिव सैनिकों व सिनेमा मालिकों के साथ काफी गर्मागर्मी भी हुई। वहीं स्थिति को संभालने के लिए जिला पुलिस की ओर से भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। करीब 2 घंटे बाद फिल्म को फिर से शुरू करवा दिया गया।  जानकारी के अनुसार हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘पी.के.’ को बंद करवाने के लिए विरोध किया जा रहा था, आज मंगलवार को जब शिव सेना शेर-ए-पंजाब के कार्यकत्र्ताओं ने सिनेमा हालों के बाहर हल्ला बोला तो एकाध सिनेमा घरों में हुई मामूली-सी झड़प को लेकर सिनेमा घरों में चल रही फिल्म पी.के को बंद करना पड़ा।  पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जहां हालत पर काबू पा लिया, वहीं पर भड़के शिव सैनिकों को फिल्म बंद करने का भरोसा देकर उन्हें वापिस भेज दिया गया। सिनेमा घरों के मालिकों ने जहां कुछ देर फिल्म को बंद करवा दिया, वहीं पर कड़ी सुरक्षा के बाद फिल्म दिखानी शुरू कर दी।  उग्र रूप धारण किए शिव सैनिकों ने अपनी भड़ास निकालते हुए सिनेमा हाल के बाहर लगे फिल्म के होॄडग जला दिए, वहीं पर मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए फिल्म बंद करने का भरोसा दिया।  सिनेमा घरों के मालिकों द्वारा भले ही कुछ देर तक फिल्म को बंद करवा दिया, वहीं पर पुलिस के पुख्ता प्रबंधों के बाद फिल्म को पुन: शुरू करवा दिया गया। फिल्म के पुन: शुरू होने से शिव सैनिकों में भारी रोष है।  इस उपरांत पार्टी के संयोजक ओम प्रकाश घुक व पंजाब प्रधान विवेक सागर सग्गू ने जिलाधीश रवि भगत के व्यस्त होने पर उन्होंने एस.डी.एम. राजेश शर्मा को मांग पत्र सौंपते अवगत करवाया कि उक्त फिल्म ‘पी.के.’ जो सिनेमा घरों में दिखाई जा रही है, उसमें भगवान शिव के अलावा अन्य देवी-देवताओं का मजाक उड़ाते हुए अपमान किया गया है और संत समाज को भी बेइज्जत किया गया है जिससे हिंदू  समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।  उन्होंने एस.डी.एम. शर्मा से बताया कि उक्त फिल्म को लेकर पंजाब के अन्य शहरों में रोष प्रदर्शन जारी हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि समय रहते उक्त फिल्म को बंद करवाने हेतु प्रशासन उचित कार्रवाई करे और फिल्म पर रोक लगाए, अन्यथा हिंदू संगठनों को फिल्म बंद करवाने के लिए संघर्ष को तेज करना पड़ेगा। 

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'PK' आमिर के समर्थकों -विरोधियों में ट्वीट वार!

डियर आमिर खान- क्या आप हाल के मुस्लिम मुद्दों पर भी मूवी बनाएंगे या फिर केवल हिंदुओं पर-tarun‏@dreamthatworks
पीके और ओह माय गॉड समान थीम पर हैं लेकिन आमिर खान को निशाना बनाया जा रहा है जबकि परेश रावल को नहीं, क्यों? क्योंकि आमिर मुस्लिम हैं और परेश हिंदू व बीजेपी सांसद?-AK4PublicMovement‏@fdi_r
मैं तब तक पीके देखने नहीं जा रहा था जब तक कि आलोचकों ने इसके बहिष्कार के लिए नहीं कहा। मस्ती भरी फिल्म है जाइए इसे देखिए-Shivam Vij ‏@DilliDurAst
कोई भी हिंदू जिसमें थोड़ा सा भी स्वाभिमान है उसे पीके नहीं देखनी चाहिए-Jayesh@jayeshdewana12
अगर आमिर खान पीके में दिए गए संदेश पर यकीन करते हैं तो वे पिछले साल हज पर क्यों गए? ऐसे उपदेश मत झाड़िए जिनका पालन खुद न करते हों-Maverick‏@boldrebellion
क्या आमिर कभी ‘शांति वाले धर्म’ का मजाक उड़ाने वाली फिल्म बनाएंगे। निश्चित रूप से नहीं क्योंकि उन्हें अपनी जिंदगी का खतरा है-siya♔@siyatara
संघ के लोग बॉयकॉट पीके को ट्रेंड कर रहे हैं लेकिन क्यों?-रचित सेठ‏@rachitseth
बॉयकॉट पीके को लेकर कुछ ट्वीट बताते हैं कि हम एक समाज के रूप में बिल्कुल ध्वस्त हो चुके हैं। हम कोई कितना मूर्ख हो चुका है-Nirmalya Dutta‏@nemothegreat1
ये सिर्फ एक मूवी है दोस्तो, इसे किसी की निजी जिंदगी से न जोड़ें। बड़े हो जाओ बच्चो-Darshan Khandelwal‏@Darshan2206
पीके के बहिष्कार की बात कहने वाले मूर्ख हैं। वो नहीं जानते कि किसी के अच्छे काम की तारीफ कैसे की जाती है-Jenson George‏@JENSONGEORGE143
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आमिर की PK पर केजरीवाल ने जनता से पूछे दो सवाल

फिल्म में धर्म के ठेकेदारों पर साधा गया है निशाना
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राजकुमार हिरानी और आमिर खान की मौजूदा रिलीज फिल्म पीके पर लोगों से दो सवाल पूछे हैं। साथ उन्होंने पीके देखने के बारे में विचार ‌दिया है।

धार्मिक आस्था को लेकर इस शुक्रवार रिलीज हुई आमिर खान फिल्म में धर्म के ठेकेदारों पर जमकर निशाना साधा गया है। हालांकि फिल्म धर्म पर कोई गहन विमर्श नहीं करती, बल्कि विसंगतियों को पर प्रहार करते हुए खत्म हो जाती है।

आमिर खान ने इस फिल्म को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण दिया था, लेकिन अभी तक उनका फिल्म देखने को लेकर कोई बयान नहीं आया है। लेकिन आप प्रमुख केजरीवाल ने ट्वीट कर इसे देखने की इच्छा जताई है।

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Thursday, December 25, 2014

RTE ACT / NCTE GUIDELINES FOR TET TEACHERS

TEACHER ELIGIBILITY TEST - TET - NCTE - RTE-GUIDELINES

TEACHER ELIGIBILITY TEST - TET - NCTE - RTE-GUIDELINES

Q. WHAT IS TEACHER ELIGIBILITY TEST ( TET EXAM) EXAM? WHY IT IS IMPORTANT TO BECOME TEACHER?

ANS : TEACHER ELIGIBILITY TEST ( TET EXAM) EXAM PASS QUALIFICATION IS MANDATORY TO BECOME TEACHER AS PER NCTE GUIDELINES / RTE ACT.

CENTRAL  GOVERNMENT PASSED RTE ACT ON 23RD AUGUST 2010 IN ITS GAZETTE NOTIFICATION ( BHARAT KA RAJPATRA).

NCTE HAS POWER TO FRAME RULES FOR TET EXAM TO MAINTAIN QUALITY IN EDUCATION SYSTEM-
In accordance with the provisions of sub - section (1) of section 23 of the Right of Children to Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009, the National Council for Teacher Education (NCTE) has laid down the minimum qualifications for a person to be eligible for appointment as a teacher in class I to VIII , vide its Notification dated August 23, 2010

See RTE Act - http://www.ncte-india.org/Norms/RTE-1.pdf

 Q. What should be qualification to become teacher under RTE Act for class 1 to 8.
Ans: Minimum qualification is as per academic authority ( currently NCTE) authorized by central government of India by notification.
NCTE prescribed compulsory TET pass qualification to become teacher under RTE.

Central Government can give relaxation in qualification to state government under following conditions :-
Where a State does not have adequate institutions offering course or training in teacher education, or teachers possessing minimum qualifications as laid down under sub-section (1) are not available in sufficient numbers, the Central Government may, if it deems necessary, by notification, relax the minimum qualifications required for appointment as a teacher, for such period, not exceeding five years, as may be specified in that notification :
Provided that a teacher who, at the commencement of this Act, does not possess minimum qualifications as laid down under sub-section (1), shall acquire such minimum qualification within a period of five years.

(Example: In UP, UPTET pass candidates are in sufficient large numbers approx 3 Lakh, And this causes problem for Shiksha Mitra to beocme Teacher under RTE act)



Q. Is there any specific guidelines/ rule for selected teacher under RTE Act?
Ans: Teacher under RTE Act shall perform duties for educational purpose only. However they can be engaged in collecting population census data related matters, disaster relief duties and election duties.

Q. Can teacher under RTE Act perform private tution . private teaching activity.
Ans : RTE Act clearly denies  for Private tuition/ private teaching activity.


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Q.What is RTE Act?
Ans : RTE ( Right to Education) Act OR  Right of Children to Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009, is Eighty-sixth Amendment) Act, 2002 inserted Article 21-A in the Constitution of India to provide free and compulsory education of all children in the age group of six to fourteen years as a Fundamental Right in such a manner as the State may, by law, determine. The Right of Children to Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009, which represents the consequential legislation envisaged under Article 21-A, means that every child has a right to full time elementary education of satisfactory and equitable quality in a formal school which satisfies certain essential norms and standards.

 Article 21-A and the RTE Act came into effect on 1 April 2010. The title of the RTE Act incorporates the words ‘free and compulsory’. ‘Free education’ means that no child, other than a child who has been admitted by his or her parents to a school which is not supported by the appropriate Government, shall be liable to pay any kind of fee or charges or expenses which may prevent him or her from pursuing and completing elementary education. ‘Compulsory education’ casts an obligation on the appropriate Government and local authorities to provide and ensure admission, attendance and completion of elementary education by all children in the 6-14 age group. With this, India has moved forward to a rights based framework that casts a legal obligation on the Central and State Governments to implement this fundamental child right as enshrined in the Article 21A of the Constitution, in accordance with the provisions of the RTE Act.

The RTE Act provides for the:
  • Right of children to free and compulsory education till completion of elementary education in a neighbourhood school.
  • It clarifies that ‘compulsory education’ means obligation of the appropriate government to provide free elementary education and ensure compulsory admission, attendance and completion of elementary education to every child in the six to fourteen age group. ‘Free’ means that no child shall be liable to pay any kind of fee or charges or expenses which may prevent him or her from pursuing and completing elementary education.
  • It makes provisions for a non-admitted child to be admitted to an age appropriate class.
  • It specifies the duties and responsibilities of appropriate Governments, local authority and parents in providing free and compulsory education, and sharing of financial and other responsibilities between the Central and State Governments.
  • It lays down the norms and standards relating inter alia to Pupil Teacher Ratios (PTRs), buildings and infrastructure, school-working days, teacher-working hours.
  • It provides for rational deployment of teachers by ensuring that the specified pupil teacher ratio is maintained for each school, rather than just as an average for the State or District or Block, thus ensuring that there is no urban-rural imbalance in teacher postings. It also provides for prohibition of deployment of teachers for non-educational work, other than decennial census, elections to local authority, state legislatures and parliament, and disaster relief.
  • It provides for appointment of appropriately trained teachers, i.e. teachers with the requisite entry and academic qualifications.
  • It prohibits (a) physical punishment and mental harassment; (b) screening procedures for admission of children; (c) capitation fee; (d) private tuition by teachers and (e) running of schools without recognition,
  • It provides for development of curriculum in consonance with the values enshrined in the Constitution, and which would ensure the all-round development of the child, building on the child’s knowledge, potentiality and talent and making the child free of fear, trauma and anxiety through a system of child friendly and child centred learning.

Wednesday, December 24, 2014

Tuesday, December 23, 2014

Monday, December 22, 2014

Central Teacher Eligibility Test (CTET) Feb-2015 for Primary/ Upper Primary Elementary Teachers under RTE Act

Sarkari Naukri Damad India. Latest Upadted Indian Govt Jobs - http://sarkari-damad.blogspot.com
Central Board of Secondary Education (CBSE)
PS 1-2, Institutional Area, I P Extension, Patparganj, Delhi - 110092


 

CTETटीईटी / TET - Teacher Eligibility Test / CENTRAL TEACHER ELIGIBILITY TEST/ Updates / Teacher Recruitment News

 As per NCTE / RTE Act Guidelines TET Qualification is Mandatory to become class 1 to 8th Teacher.
Even TET Qualification is Mandatory for TGT Teachers Also.

Central Teacher Eligibility Test   (CTET)  Feb-2015 for Primary/ Upper Primary Elementary Teachers under RTE Act


The Central Board of Secondary Education (CBSE), Delhi will be conducting the Central Teacher Eligibility Test (CTET) for a person to be eligible for appointment as a teacher for classes I to VIII on 22/02/2014. Candidates can apply On-line for CTET  Feb-2015 on CBSE/ CTET website. 
 
Application Fee  :  Rs.600/- for only paper -I or II (Rs.300/- for SC/ST/PWD candidates) OR  Rs.1000/- for both papers  (Rs.500/- for SC/ST/PWD candidates) through Debit/Credit Card or download Payment Challan for payment in the designated accounts of Syndicate Bank/ e-Post Office in favour of Secretary, Central Board of Secondary Education, Delhi.


A candidate who cleared ctet exam may sit again to improve his / her score in exams.
 

How to Apply : Apply Online at CBSE CTET website from 18/12/2014 to 08/01/2015 only.

Please visit for all the details of examination, syllabus and online submission of application -
http://ctet.nic.in 


Child Development & Pedagogy for CTET
CTETटीईटी / TET - Teacher Eligibility Test / CENTRAL TEACHER ELIGIBILITY TEST/ Updates / Teacher Recruitment News




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