Breaking News वेतनभोगियों को टैक्स में राहत देने के संकेत
वित्तमंत्री जेटली ने कहा- मध्य वर्ग पर और बोझ लादना नहीं चाहती सरकार, आयकर छूट सीमा बढ़ सकती है
नई दिल्ली। अगले आम बजट में लोगों को करों में कुछ राहत मिल सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आगामी बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाने के संकेत देते हुए कहा कि वह वेतनभोगियों और मध्य वर्ग पर और अधिक बोझ डालने की बजाय अधिक से अधिक लोगों को कर दायरे में लाना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि टैक्स में छूट से उपभोक्ताओं के पास ज्यादा पैसा बचेगा और वे ज्यादा खर्च करेंगे, जिससे सरकार को अप्रत्यक्ष कर के रूप में ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होगी।
वित्त मंत्री ने शनिवार को पीटीआई से बातचीत में कहा कि जहां तक आयकर की बात है तो उनका जोर कर दायरे में आने से बच रहे लोग को इसमें शामिल करने पर है। एक सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले बजट में उन्होंने कर छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की थी और अगर सरकार के राजस्व संग्रह की स्थिति ठीक रहती है तो वह इस दायरे को और बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 2.5 रुपये तक की वार्षिक आय पर कर नहीं लगाने का मतलब यह है कि मानक कटौती को जोड़ लिया जाए तो एक आम व्यक्ति को 3.5 से 4 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर नहीं देना पड़ेगा। जेटली ने आगे कहा कि राजस्व संग्रह की स्थिति अच्छी रही तो सरकार कर छूट के दायरे को बढ़ाना चाहेगी।
अप्रत्यक्ष कर के सहारे भरपाई की कोशिश
•जेटली ने कहा कि कर देने से बच रहे लोगों को इस दायरे में लाने के लिए अभी कोई नीति नहीं है। ऐसे में अगर टैक्स अदा करने वाले लोगों को ज्यादा छूट देते हैं तो उनकी जेब में ज्यादा पैसा आएगा और खर्च की क्षमता बढ़ेगी। इससे अप्रत्यक्ष कर संग्रह व सरकार का राजस्व बढ़ेगा। इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
वेतन भोगियों का दर्द ः
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान कर नीति मुताबिक अगर कोई व्यक्ति 35 से 40 हजार रुपये प्रति माह कमाता है और वह अपनी आय का कुछ हिस्सा बचत योजनाओं में डालता है तो उसे कर देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन, इस आय वर्ग के लोगों का कहना है कि घर किराया या होम लोन की ईएमआई, परिवहन खर्च, बच्चों की स्कूल फीस आदि को देखते हुए 35 से 40 हजार रुपये की आय में कुछ भी नहीं बच पाता है। बचत कहां से होगी।
•ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स दायरे में लाने की कोशिश करेगी सरकार
पिछले बजट में कर छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की गई थी और अगर सरकार के राजस्व संग्रह की स्थिति ठीक रहती है तो इस दायरे को और बढ़ाया जा सकता है। - अरुण जेटली, वित्त मंत्री
वित्तमंत्री जेटली ने कहा- मध्य वर्ग पर और बोझ लादना नहीं चाहती सरकार, आयकर छूट सीमा बढ़ सकती है
नई दिल्ली। अगले आम बजट में लोगों को करों में कुछ राहत मिल सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आगामी बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाने के संकेत देते हुए कहा कि वह वेतनभोगियों और मध्य वर्ग पर और अधिक बोझ डालने की बजाय अधिक से अधिक लोगों को कर दायरे में लाना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि टैक्स में छूट से उपभोक्ताओं के पास ज्यादा पैसा बचेगा और वे ज्यादा खर्च करेंगे, जिससे सरकार को अप्रत्यक्ष कर के रूप में ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होगी।
वित्त मंत्री ने शनिवार को पीटीआई से बातचीत में कहा कि जहां तक आयकर की बात है तो उनका जोर कर दायरे में आने से बच रहे लोग को इसमें शामिल करने पर है। एक सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले बजट में उन्होंने कर छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की थी और अगर सरकार के राजस्व संग्रह की स्थिति ठीक रहती है तो वह इस दायरे को और बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 2.5 रुपये तक की वार्षिक आय पर कर नहीं लगाने का मतलब यह है कि मानक कटौती को जोड़ लिया जाए तो एक आम व्यक्ति को 3.5 से 4 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर नहीं देना पड़ेगा। जेटली ने आगे कहा कि राजस्व संग्रह की स्थिति अच्छी रही तो सरकार कर छूट के दायरे को बढ़ाना चाहेगी।
अप्रत्यक्ष कर के सहारे भरपाई की कोशिश
•जेटली ने कहा कि कर देने से बच रहे लोगों को इस दायरे में लाने के लिए अभी कोई नीति नहीं है। ऐसे में अगर टैक्स अदा करने वाले लोगों को ज्यादा छूट देते हैं तो उनकी जेब में ज्यादा पैसा आएगा और खर्च की क्षमता बढ़ेगी। इससे अप्रत्यक्ष कर संग्रह व सरकार का राजस्व बढ़ेगा। इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
वेतन भोगियों का दर्द ः
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान कर नीति मुताबिक अगर कोई व्यक्ति 35 से 40 हजार रुपये प्रति माह कमाता है और वह अपनी आय का कुछ हिस्सा बचत योजनाओं में डालता है तो उसे कर देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन, इस आय वर्ग के लोगों का कहना है कि घर किराया या होम लोन की ईएमआई, परिवहन खर्च, बच्चों की स्कूल फीस आदि को देखते हुए 35 से 40 हजार रुपये की आय में कुछ भी नहीं बच पाता है। बचत कहां से होगी।
•ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स दायरे में लाने की कोशिश करेगी सरकार
पिछले बजट में कर छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की गई थी और अगर सरकार के राजस्व संग्रह की स्थिति ठीक रहती है तो इस दायरे को और बढ़ाया जा सकता है। - अरुण जेटली, वित्त मंत्री