टीईटी परीक्षा : केंद्रों तक पहुंचना मुश्किल
Chattisgarh TET - CGTET 2012 on 08-01-2012 Teacher Eligibility News :
वर्धा जिले भर में ८ जनवरी को शिक्षाकर्मी पात्रता परीक्षा होगी जिसके लिए अभ्यार्थियों को सेंटर तक पहुंचने के लिए बड़ी मशक्कत करनी होगी। कई सेंटर ऐसे है जहां पर न तो ज्यादा वाहन चलते है और न ही रूकने की कोई व्यवस्था है।
जिले में कुल ४४ केन्द्र बनाए गए है जिनमें से कई केन्द्र ऐसे है जो जिला मुख्यालय से दूर है। इन केन्द्रों तक जाने के लिए गिनती की ही गाडिय़ां चलती है ऐसी स्थिति में अभ्यार्थियों को पहुंचने के लिए स्वयं ही व्यवस्था करनी होगी। जिन अभ्यार्थियों को दूरस्थ क्षेत्रों में केन्द्र दिया गया है ऐसे लोग अभी से ही रूकने, आने-जाने की जुगाड़ में लग गए है। जिला प्रशासन द्वारा भी पहले से ही इन क्षेत्रों में पहुंचने तथा रूकने संबंधित कोई भी जानकारी अभ्यार्थियों को मुहैया नहीं कराए है। जिले के ४४ केन्द्रों में १० ऐेसे केन्द्र है जहां तक पहुंचने में अभ्यार्थियों को दिक्कतें उठानी होगी। क्योकि इन गांवों तक पहुंचने के लिए गिनती की ही यात्री बसें चलती है जिनकी समय सीमा तय है। अभ्यार्थियों की परीक्षा सुबह १०.१५ बजे से शुरू हो जाएगी। अगर समय पर यात्री बसे मिल जाती है तो किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन वाहन न मिले अथवा गिनती के चलने वाले वाहनों में कोई खराब हो जाए तो परीक्षार्थियों की मेहनत बेकार हो जाएगा।
विभाग द्वारा केन्द्र बनाने से पहले इस ओर ध्यान भी नहीं दिया गया है। यही कारण है कि बिना सोचे समझे दूरस्थ क्षेत्रों को भी सेंटर दे दिया गया है। विभाग द्वारा अगर मुख्य मार्गो पर बसे गांवों में ही केन्द्र बनाए जाते तो वहां तक पहुंचने में ज्याद दिक्कत नहीं आती। क्योंकि इन गांवों में लगातार बसें चलती रहती है। फिलहाल सभी दिक्कतों को देखते हुए परीक्षार्थी केन्द्रों तक पहुंचने के लिए स्वयं ही व्यवस्था करने में लगे हुए है।
यहां होगी परेशानी
जिले के ४४ केन्द्रों में से १० केंद्रों में पहुंचने में परेशानी होगी। जिनमें बम्हनी, राजानवांगांव, उडिया खुर्द, रक्से, रणवीरपुर, बिरेन्द्र नगर, कुंडा, मोहगांव एवं किसुनगढ़ शामिल है। क्योंकि इन स्थानों तक जाने के लिए गिनती की ही बसें चलती है। अगर परीक्षार्थी समय पर बस स्टैण्ड पहुंचने पर चुक जाते है तो परीक्षा केन्द्र पहुंचने में परेशानी होगी। जिन लोगों के पास स्वयं की वाहन है ऐसे परीक्षार्थियों को पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी लेकिन जिनके पास वाहन नहीं है ऐसे अभ्यार्थी को भटकना ही होगा।
कैसे हुआ केंद्रों
का चयन
व्यापमं द्वारा जिले के समन्वय केन्द्र से परीक्षार्थियों के बैठने की क्षमता एवं व्यवस्था की विस्तृत जानकारी ली गई थी। साथ ही उन केन्द्रों का भी लिस्ट लिया गया जो शहर के नजदीक हो। इसी के आधार पर समन्वयक केन्द्र से जिले में २० हजार परीक्षर्थियों के एक समय में बैठने की व्यवस्था बताई गई। उन केन्द्रों की भी जानकारी दी गई जहां आवश्यक सामान, कुर्सी, पहुंच सुविधा हो। इसी आधार पर केन्द्र बनाया गया है।
जिले में कुल ४४ केन्द्र बनाए गए है जिनमें से कई केन्द्र ऐसे है जो जिला मुख्यालय से दूर है। इन केन्द्रों तक जाने के लिए गिनती की ही गाडिय़ां चलती है ऐसी स्थिति में अभ्यार्थियों को पहुंचने के लिए स्वयं ही व्यवस्था करनी होगी। जिन अभ्यार्थियों को दूरस्थ क्षेत्रों में केन्द्र दिया गया है ऐसे लोग अभी से ही रूकने, आने-जाने की जुगाड़ में लग गए है। जिला प्रशासन द्वारा भी पहले से ही इन क्षेत्रों में पहुंचने तथा रूकने संबंधित कोई भी जानकारी अभ्यार्थियों को मुहैया नहीं कराए है। जिले के ४४ केन्द्रों में १० ऐेसे केन्द्र है जहां तक पहुंचने में अभ्यार्थियों को दिक्कतें उठानी होगी। क्योकि इन गांवों तक पहुंचने के लिए गिनती की ही यात्री बसें चलती है जिनकी समय सीमा तय है। अभ्यार्थियों की परीक्षा सुबह १०.१५ बजे से शुरू हो जाएगी। अगर समय पर यात्री बसे मिल जाती है तो किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन वाहन न मिले अथवा गिनती के चलने वाले वाहनों में कोई खराब हो जाए तो परीक्षार्थियों की मेहनत बेकार हो जाएगा।
विभाग द्वारा केन्द्र बनाने से पहले इस ओर ध्यान भी नहीं दिया गया है। यही कारण है कि बिना सोचे समझे दूरस्थ क्षेत्रों को भी सेंटर दे दिया गया है। विभाग द्वारा अगर मुख्य मार्गो पर बसे गांवों में ही केन्द्र बनाए जाते तो वहां तक पहुंचने में ज्याद दिक्कत नहीं आती। क्योंकि इन गांवों में लगातार बसें चलती रहती है। फिलहाल सभी दिक्कतों को देखते हुए परीक्षार्थी केन्द्रों तक पहुंचने के लिए स्वयं ही व्यवस्था करने में लगे हुए है।
यहां होगी परेशानी
जिले के ४४ केन्द्रों में से १० केंद्रों में पहुंचने में परेशानी होगी। जिनमें बम्हनी, राजानवांगांव, उडिया खुर्द, रक्से, रणवीरपुर, बिरेन्द्र नगर, कुंडा, मोहगांव एवं किसुनगढ़ शामिल है। क्योंकि इन स्थानों तक जाने के लिए गिनती की ही बसें चलती है। अगर परीक्षार्थी समय पर बस स्टैण्ड पहुंचने पर चुक जाते है तो परीक्षा केन्द्र पहुंचने में परेशानी होगी। जिन लोगों के पास स्वयं की वाहन है ऐसे परीक्षार्थियों को पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी लेकिन जिनके पास वाहन नहीं है ऐसे अभ्यार्थी को भटकना ही होगा।
कैसे हुआ केंद्रों
का चयन
व्यापमं द्वारा जिले के समन्वय केन्द्र से परीक्षार्थियों के बैठने की क्षमता एवं व्यवस्था की विस्तृत जानकारी ली गई थी। साथ ही उन केन्द्रों का भी लिस्ट लिया गया जो शहर के नजदीक हो। इसी के आधार पर समन्वयक केन्द्र से जिले में २० हजार परीक्षर्थियों के एक समय में बैठने की व्यवस्था बताई गई। उन केन्द्रों की भी जानकारी दी गई जहां आवश्यक सामान, कुर्सी, पहुंच सुविधा हो। इसी आधार पर केन्द्र बनाया गया है।
News : Bhaskar Paper
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